Online Test of पाठ – 10 ललद्यद (Llghd) Test 1 | Hindi kshitiz Class 9th क्षितिज
1. कवयित्री कच्चे धागे की रस्सी किसे कहती हैं?
(क) जीवन को
(ख) प्रभु-भक्ति को
(ग) मृत्यु को
(घ) इनमें से कोई नहीं
2. किससे न मिलने के कारण कवयित्री के मन में ‘हूक’ उठ रही है?
(क) प्रेमी से
(ख) पिता से
(ग) परमात्मा से
(घ) परिवार से
3. सांसारिक भोग में लीन होने से क्या उत्पन्न होता है?
(क) ईर्ष्या
(ख) अहंकार
(ग) स्वार्थ
(घ) दुःख
4. कवयित्री कैसा जीवन अपनाने को कहती है?
(क) भोग और आनंद का
(ख) सुख और समृद्धि का
(ग) वैरागी का
(घ) त्याग और तपस्या का
5. भवसागर से पार कराने वाला नाविक कौन है?
(क) माझी
(ख) ज्ञानी
(ग) ईश्वर
(घ) इनमें से कोई नहीं
6. किसे जानने के बाद ही परमात्मा का बोध हो सकता है?
(क) आत्मा को
(ख) साधु को
(ग) मनुष्य को
(घ) धर्म को
7. कवयित्री हिंदू और मुसलमान दोनों को किसकी आराधना करने के लिए प्रेरित करती हैं?
(क) श्रीकृष्ण की
(ख) गणेश की
(ग) शिव की
(घ) इनमें से कोई नहीं
8. हमें जीवन में किसके बीच संतुलन बनाए रखना चाहिए?
(क) परिवार के सदस्यों के बीच
(ख) भोग और त्याग के बीच
(ग) सुख और दुःख के बीच
(घ) इनमें से कोई नहीं
9. कवयित्री अपने प्रभु को किस नाम से पुकारती हैं?
(क) परमात्मा
(ख) खुदा
(ग) श्रीराम
(घ) शिव
10. किसे पहचानने के लिए आत्मज्ञान का होना आवश्यक है?
(क) ईश्वर को
(ख) संसार को
(ग) स्वयं को
(घ) इनमें से कोई नहीं
पाठ - 10 ललद्यद Quiz 1 | Class 9th क्षितिज
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Question 1 of 10
1. Question
कवयित्री कच्चे धागे की रस्सी किसे कहती हैं?
Correct
कवयित्री का जीवन कच्चे धागे की रस्सी-सा नश्वर है जिसके सहारे वह प्रभु-भक्ति की नाव को खे रही हैं|
Incorrect
-
Question 2 of 10
2. Question
किससे न मिलने के कारण कवयित्री के मन में ‘हूक’ उठ रही है?
Correct
परमात्मा से मिल पाने के कारण कवयित्री के मन में रह-रहकर ‘हूक’ उठ रही है अर्थात् वह अपने प्रभु से मिलने के लिए तड़प रही हैं|
Incorrect
-
Question 3 of 10
3. Question
सांसारिक भोग में लीन होने से क्या उत्पन्न होता है?
Correct
सांसारिक भोग में जीवन व्यतीत करने से मन में अहंकार की भावना उत्पन्न होती है|
Incorrect
-
Question 4 of 10
4. Question
कवयित्री कैसा जीवन अपनाने को कहती है?
Correct
कवयित्री भोग के विरूद्ध त्याग और तपस्या का जीवन अपनाने को कहती हैं, जिसमें वह सहज संयम अपनाने की प्रेरणा देती हैं|
Incorrect
-
Question 5 of 10
5. Question
भवसागर से पार कराने वाला नाविक कौन है?
Correct
कवयित्री ने संसार रुपी भवसागर को पार कराने वाला नाविक ईश्वर को माना है|
Incorrect
-
Question 6 of 10
6. Question
किसे जानने के बाद ही परमात्मा का बोध हो सकता है?
Correct
अपनी आत्मा का ज्ञान होने के बाद ही परमात्मा का बोध हो सकता है अर्थात् ईश्वर को पहचानने का मार्ग आत्मज्ञान है|
Incorrect
-
Question 7 of 10
7. Question
कवयित्री हिंदू और मुसलमान दोनों को किसकी आराधना करने के लिए प्रेरित करती हैं?
Correct
कवयित्री हिंदू और मुसलमान दोनों को शिव की आराधना करने के लिए प्रेरित करती हैं, यहाँ शिव का अर्थ है- कल्याणकारी| इसी से स्पष्ट होता है कि उनके मन में सांप्रदायिक भेदभाव नहीं है|
Incorrect
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Question 8 of 10
8. Question
हमें जीवन में किसके बीच संतुलन बनाए रखना चाहिए?
Correct
भोग और त्याग के बीच का मार्ग अपना कर ही मनुष्य प्रभु-भक्ति के मार्ग पर चल सकता है|
Incorrect
-
Question 9 of 10
9. Question
कवयित्री अपने प्रभु को किस नाम से पुकारती हैं?
Correct
कवयित्री अपने प्रभु को ‘शिव’ नाम से पुकारती हैं जिसका अर्थ है-कल्याणकारी|
Incorrect
-
Question 10 of 10
10. Question
किसे पहचानने के लिए आत्मज्ञान का होना आवश्यक है?
Correct
ईश्वर के सही रूप को पहचानने का मार्ग आत्मज्ञान ही है अर्थात् अपनी आत्मा को जानने के बाद ही परमात्मा का बोध होता है|
Incorrect